
कथा-परिचय एवं स्रोत संकेत
प्रस्तुत कथा, "अरण्यानी और कौशिक:..."...
कथा का ताना-बाना...
संभावित स्रोत प्रेरणा...
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भाग 1: तपस्वी का आगमन
प्रारंभिक यात्रा
अतिप्राचीन काल की बात है... युवा तपस्वी कौशिक ... सत्य का साक्षात्कार...

वन में आसन
उसने अपने गुरु से आशीर्वाद लिया... अहं ब्रह्मास्मि ... अपूर्णता का बोध...
वन केवल शांत ही नहीं था... साक्षी भाव ... अनुभव का द्वार...
विशेष प्रस्तुति: आंतरिक शांति की यात्रा
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